वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन अवसर पर उद्योगपतियों के लिए उपहारों की झड़ी लगा दी है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में उद्योगपतियों को भटकने नहीं देंगे. उद्योगों के लिए चिह्नित जमीन और अधिसूचित क्षेत्र में अब तीन साल तक निर्माण, फायर एनओसी, लाइसेंस समेत अन्य अनुमतियों की जरूरतें नहीं होंगी. सीएम ने कहा कि रेडीमेड और आईटी सेक्टर में प्लग एंड प्ले सुविधा रहेगी. मंसूर मानते हैं कि चीनी पैसा अपने साथ कुछ फायदे भी लेकर आया है.
बैंकिंग सिस्टम पर प्रभावमूडीज के अनुसार, बांग्लादेश के सरकारी स्वामित्व वाले बैंक सबसे अधिक जोखिम में हैं. सितंबर 2024 तक, सरकारी बैंकों का औसत पूंजी-से-जोखिम-भारित-संपत्ति अनुपात -2.5% था, जो कि निजी बैंकों के 9.4% से बहुत कम और नियामक न्यूनतम सीमा से भी नीचे है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का बढ़-चढ़कर समर्थन किया था, लिहाजा ट्रंप की जीत के बाद एलन मस्क की कंपनियों के शेयर्स में तूफानी तेज़ी देखने को मिली, जिसके परिणामस्वरूप एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन चुके हैं. वह दुनिया के एकलौते व्यक्ति हैं जिसकी संपत्ति 400 बिलियन डॉलर को पार कर गई है. दुनिया के सबसे अमीर शख्स और अमेरिकी टेक कारोबारी एलन मस्क अगले साल अप्रैल में बांग्लादेश का दौरा कर सकते हैं. यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ बांग्लादेश (UNB) के अनुसार राजधानी ढाका में अगले साल होने वाले इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस में एलन मस्क समेत कई ग्लोबल बिजनेस टायकून शामिल हो सकते हैं.
इसलिए सरकार को इस बात पर ध्यान देना होगा कि देश के भीतर अर्थनीति को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है.” इससे भी बुरी बात यह रही कि यूनुस ने बीजिंग में भारत के पूर्वी राज्यों पर टिप्पणी की और तीस्ता नदी और बंदरगाह परियोजनाओं में चीन को शामिल किया, जिससे भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गईं. भारत का आकलन है कि पाकिस्तान भारत के पूर्वोत्तर में उग्रवाद को फिर से भड़काने के साथ-साथ बांग्लादेशी क्षेत्र का फायदा उठाकर कश्मीरी आतंकवादियों को भारत में घुसाने का इच्छुक है. पाकिस्तान के इशारों पर नाचते हुए यूनुस सार्क को फिर से सक्रिय करने का आह्वान कर रहे हैं, जो पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन दिए जाने के कारण ठप पड़ा है. भारत के लिए हमेशा से चिंता की बात रही है कि बांग्लादेश कहीं चीन के ज़्यादा क़रीब न चला जाए.
मुजफ्फरपुर के औद्योगिक परिसर में बैग कंपनी हाई स्पिरिट के अपने दफ्तर में बैठे तुषार जैन सादे कागज पर तरह-तरह की रेखाएं खींच रहे हैं, नक्शे बना रहे हैं. मुंबई के इस उद्यमी ने अब अपना धंधा यहीं शिफ्ट कर लिया है. वे बताते हैं, “कोरोना के बाद जब हमारी बैग फैक्टरी के बिहारी मजदूर लौटने में आनाकानी करने लगे तो हमने तय किया कि क्यों न हम खुद मजदूरों के घर के पास चले जाएं.” ऐसे में बांग्लादेश के मची इस हलचल पर भारत पूरी नज़र बनाए हुए है. जो भी सरकार बनेगी, उसके लिए क़ानून व्यवस्था बड़ी चुनौती होगी. कानून व्यवस्था से जुड़ी चीज़ों को नियंत्रित करना चुनौती से भरा रहेगा.
भारत को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए और साझा हितों के ज़रिए आपसी रिश्तों में गहराई लाने का प्रयास जारी रखना चाहिए. इसके साथ ही साथ भारत को अपने रवैये में सुधार लाने की भी ज़रूरत है. उसे ये समझना होगा कि सारे पड़ोसियों के लिए वो एक जैसी नीति पर अमल नहीं कर सकता. भारत को चाहिए कि वो तीन अलग अलग quotexbrokerbangladesh.com दर्जों वाले अपने पड़ोसियों यानी दुश्मन देशों, नाकाम होते देशों और छोटे मोल-भाव करने वाले देशों के लिए अलग नीतियां तैयार कर सके. भारत के दूरगामी हितों को सुरक्षित रखने के लिए हर दर्जे के पड़ोसी देश के लिए अलग रणनीति तैयार करनी होंगी. देश के प्रमुख बांगला दैनिक प्रथम आलो ने रिपोर्ट दी है कि अधिकांश आर्थिक संकेतक, जैसे राजस्व संग्रह, महंगाई, बेरोज़गारी, निजी निवेश, पूंजी उपकरणों का आयात, पूंजी बाजार और विदेशी निवेश, अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं.
ऋंगला का मानना है कि इन वजहों से भी ऐसी स्थिति पैदा हुई कि बांग्लादेश के लोग ख़ासकर युवा सड़कों पर उतर गए. हालांकि, हर्ष ऋंगला इस पूरे घटनाक्रम के पीछे आर्थिक कारणों को भी ज़िम्मेदार मानते हैं. वो कहती हैं कि ये देखना होगा कि आरक्षण में सुधार पर शुरू हुए आंदोलन का कैसे पूरा स्वरूप ही बदल गया है. ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से. आरोप है कि 22.8 करोड़ डॉलर का भुगतान आंध्र प्रदेश के अधिकारी को किया गया और इसके बदले आंध्र प्रदेश एसईसीआई से सात गीगावॉट बिजली ख़रीदने के लिए तैयार हुआ था. कंपनी ने बयान में कहा, “हम अपने सहयोगियों और कर्मचारियों को भरोसा देना चाहते हैं कि हम कानून को मानने वाली कंपनी हैं जो सभी कानूनों का पालन करती है.”
बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लाइनों और अन्य संबंधित एजेंसियों को घाट, गोदाम, कार्गो हैंडलिंग उपकरण जैसी तट-आधारित सुविधाएं प्रदान करता है. चैनल में पर्याप्त पानी की गहराई बनाए रखने के साथ-साथ सुरक्षित दिन और रात शिपिंग की सुविधा देता है. मोंगला दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव वन, सुंदरबन की यात्रा करने वाले पर्यटक जहाजों के लिए एक प्रवेश द्वार भी है. BEPZA ने पद्मा ब्रिज के उद्घाटन के बाद मोंगला ईपीजेड में निवेश करने के लिए 142.7 मिलियन डॉलर के प्रस्तावित निवेश के साथ यूं शेंग बीडी सहित पांच कंपनियों के साथ लीज समझौते पर हस्ताक्षर किए.